Digital Signature meaning in Hindi complete  description –

आज के टेक्नोलॉजी /online की  दुनिया में हमारे कई काम डिजिटल  होते जा रहे हैं ,चाहे ईमेल भेजना हो या फिर ऑनलाइन कोई डॉक्यूमेंट भेजना हो,कोई सरकारी फॉर्म भरना हो ,किसी काम के लिए टेंडर डालना हो. आज के समय में ये सभी काम टेक्नोलॉजी से ऑनलाइन होने लगे है . आज सभी संदेश भेजने का  काम ऑनलाइन होता है ।

ऑनलाइन काम होने से हमारा समय बचता है, इसके साथ साथ पैसे  भी  बचते है .हमारा  काम जल्दी हो जाता है ।

इसने हमारी जिंदगी में तेजी से जगह बना ली है ,आजकल हम कई सारे काम online/ टेक्नोलॉजी  के जरिये ही करते हैं । इतना ही नहीं आजकल हम अपने  जरूरी काम जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट या जरूरी फाइलें भी ऑनलाइन रखते है और जरूरत पड़ने पर इन्टरनेट का इस्तेमाल करके शेयर (share) भी करते हैं।

 

ऐसे में हमारे सामने हमारे डाटा व डाक्यूमेंट्स की सुरक्षा /सिक्योरिटी  को लेकर कई बाते भी सामने आती है क्यूंकि इन्टरनेट पर कोई भी किसी के भी नाम से ID बनाकर या अपनी पहचान छिपा कर किसी को कोई भी डॉक्यूमेंट या संदेश भेज सकता है और इन सभी चीजों से बड़ी मुसीबतें  खड़ी हो सकती हैं और गलत फेहमियां  पैदा की जा सकती हैं। कंप्यूटर के जरिये किसी भी डॉक्यूमेंट की नक़ल करना  और किसी भी डॉक्यूमेंट को एडिट करना बहुत ही आसान है इन्ही सब चीजों से बचने के लिए  Digital signature का उपयोग किया जाता हैं।भारत में इसे डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट कहा जाता है ।

 

जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है ,की यह एक तरह का सिग्नेचर (SIGNATURE)  है , जैसे हम कागज़ के डाक्यूमेंट्स /पेपर  पर ऑथेंटिकेशन (Authentication) के लिए अपने सिग्नेचर /साइन  करते हैं ,वैसे ही डिजिटल डाक्यूमेंट्स/डिजिटल ऑथेंटिकेशन के लिए  डिजिटल  सिग्नेचर का उपयोग करते है । यह कानूनी तौर पर भी लीगल (valid for govt.purpose ) माना जाता है l इसे Information Technology Act 2000 में  पारित किया गया है।

Digital Signature meaning in Hindi  –

Digital signature certificate में बहुत सारी जानकारी (Information) होती है जैसे Email एड्रेस,पैनकार्ड number ,नाम,पता और ऑथेंटिकेशन key आदि, यह सामान्य signatures से ज्यादा सिक्योर/सुरक्षित  होता है डिजिटल सिग्नेचर की नकल आसानी से नहीं की जा सकती है मतलब  digital signature का डुप्लीकेट /कॉपी  आसानी से  नही कि जा सकती है। Digital सिग्नेचर्स  की मदद से ही हम ऑथेंटिक कर पाते हैं की डॉक्यूमेंट/पेपर/मैसेज  सही है या नहीं  है।

Digital signature certificate मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है – क्लास २ and क्लास ३ डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट

  1. क्लास २ डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट  -यह डिजिटल सिग्नेचर GST रजिस्ट्रेशन,GST return भरने ,इनकम टैक्स रजिस्ट्रेशन ,इनकम टैक्स की return भरने में,डॉक्यूमेंट authenticate  करने में काम आता है ।
  2. क्लास ३ डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट – यह digital signature certificate हाई security के काम में इस्तेमाल किया जाता है। जैसे -ऑनलाइन टेंडर डालने में, ऑनलाइन bidding में, बैंक ट्रांसक्शन्स  में

Digital signature certificate  बनाने का तरीका –

  • सबसे पहले www.apiinfotech.com पर जाये ।
  • अपनी जरुरत /उपयोग के अनुसार certificate का चयन करें ।
  • ऑनलाइन पेमेंट करें ।
  • पैन कार्ड व ID प्रूफ अपलोड करें ।
  • मोबाइल वेरिफिकेशन व वीडियो वेरिफिकेशन करें ।
  • २-३ दिन में आपका डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट आपके पते (address) पर आ जायेगा ।

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